Sunday, December 19, 2021

पाप और दुखों के नाश के लिए ऐसे करें द्वादश ज्योतिर्लिंग का स्मरण


जो प्रतिदिन प्रात: काल उठकर इन बारह नामों का पाठ करता है वह सब पापों से मुक्त हो संपूर्ण सिद्धियों का फल पाता है।


सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्। उज्जयिन्याम् महाकालमोंकारेश्वर परमेश्वरम्।।

केदारम् हिमवत्पृष्ठे डाकिन्याम् भीमशंकरम्। वाराणस्याम् च विश्वेशम् त्र्यंबंकम् गौतमीतटे।।

वैधनाथं चिता भूमौ नागेशं दारूकावने। सेतुबन्धे च रामेशं घुश्मेशं तु शिवालये।।

द्वादशैतानि नामानि प्रातरूत्थाय: पठेत। सर्वपापेर्विनिमुक्त: सर्वसिद्धिं फलम् लभेत।।

(शि. पु. कोटि रूद्र संहिता 1/21-24) 


शिव महापुराण के कोटि रूद्र संहिता के अन्तर्गत महाशिव के ज्योतिर्लिंग के बारह स्वरूपों का उल्लेख किया गया है, जिन्हें सुनने मात्र से पाप दूर हो जाते हैं।






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