॥ गोस्वामी तुलसीदास कृत विनयपत्रिका ॥
॥ राम ॥
विषयानुक्रमणिका
विषय पदाङ्क विषय पदाङ्क श्री गणेश -स्तुति १ श्री राम स्तुति ४३-४५ सूर्य -सूर्यस्तुति २ श्रीराम-नाम-वन्दना ४६ शिव-स्तुति ३-१४ श्रीराम-आरती ४७-४८ देवी -स्तुति १५-१६ हरिशङ्करी-पद ४९ गङ्गा-स्तुति १७-२० श्रीराम-स्तुति ५.५६ यमुना -स्तुति २१ श्रीरंग -स्तुति ५७-५९ काशी-स्तुति २२ श्रीनर-नारायण-स्तुति ६० चित्रकूट -स्तुति २३-२४ श्रीविन्दुमाधव-स्तुति ६१-६३ हनुमत् -स्तुतिहनुमत् स्तुति २५-३६ श्रीरामवन्दना ६४ लक्ष्मण-स्तुति ३७-३८ श्रीराम-नाम-जप ६५-७० भरत-स्तुति ३९ विनयावली ७१-२७९ शत्रुघ्न -स्तुति ४० — — श्रीसीता-स्तुति ४१-४२ — — राग-सूचौ आसावरी ६२,१८३-१८८ बिहाग १०७-१३४ कल्याण २०८-२११,२१४-२७९ भैरव २२,६५-७३ कान्हरा २४,२०४-२०७ भैरवी १९८-२०३ केदारा ४१-४४,२१२-२१३ मलार १६१ गौरी ३१,३६,४५,१८९-१९७ मारु १५ 1 ॥ गोस्वामी तुलसीदास कृत विनयपत्रिका ॥ जैतश्री ६३,८३-८४ रामकली ६-९,१६-२०,४६-६१,१०६ टोड़ी ७८-८२ ललित ७५-७७ दण्डक ३७ विभास ७४ धनाश्री ४-५,१.१२,२५-२९, सारंग ३०,१५५-१५७ ३८-४०,८५-१०५ सूहो बिलावल १३५-१३६ नट १५८-१६० सोरठ १६२-१७८ बसन्त १३-१४,२३,६४ — — बिलावल १-३,२१,३२-३५,१०७, — — १३४,१३७-१५४,१७९-१८२ — —
॥ राम ॥
विषयानुक्रमणिका
विषय पदाङ्क विषय पदाङ्क श्री गणेश -स्तुति १ श्री राम स्तुति ४३-४५ सूर्य -सूर्यस्तुति २ श्रीराम-नाम-वन्दना ४६ शिव-स्तुति ३-१४ श्रीराम-आरती ४७-४८ देवी -स्तुति १५-१६ हरिशङ्करी-पद ४९ गङ्गा-स्तुति १७-२० श्रीराम-स्तुति ५.५६ यमुना -स्तुति २१ श्रीरंग -स्तुति ५७-५९ काशी-स्तुति २२ श्रीनर-नारायण-स्तुति ६० चित्रकूट -स्तुति २३-२४ श्रीविन्दुमाधव-स्तुति ६१-६३ हनुमत् -स्तुतिहनुमत् स्तुति २५-३६ श्रीरामवन्दना ६४ लक्ष्मण-स्तुति ३७-३८ श्रीराम-नाम-जप ६५-७० भरत-स्तुति ३९ विनयावली ७१-२७९ शत्रुघ्न -स्तुति ४० — — श्रीसीता-स्तुति ४१-४२ — — राग-सूचौ आसावरी ६२,१८३-१८८ बिहाग १०७-१३४ कल्याण २०८-२११,२१४-२७९ भैरव २२,६५-७३ कान्हरा २४,२०४-२०७ भैरवी १९८-२०३ केदारा ४१-४४,२१२-२१३ मलार १६१ गौरी ३१,३६,४५,१८९-१९७ मारु १५ 1 ॥ गोस्वामी तुलसीदास कृत विनयपत्रिका ॥ जैतश्री ६३,८३-८४ रामकली ६-९,१६-२०,४६-६१,१०६ टोड़ी ७८-८२ ललित ७५-७७ दण्डक ३७ विभास ७४ धनाश्री ४-५,१.१२,२५-२९, सारंग ३०,१५५-१५७ ३८-४०,८५-१०५ सूहो बिलावल १३५-१३६ नट १५८-१६० सोरठ १६२-१७८ बसन्त १३-१४,२३,६४ — — बिलावल १-३,२१,३२-३५,१०७, — — १३४,१३७-१५४,१७९-१८२ — —
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